BREAKING SCIENCE
10,000 साल बाद धरती पर लौटा "डायर वुल्फ"
अमेरिका की Colossal Biosciences Lab ने CRISPR तकनीक से किया इतिहास रचने वाला चमत्कार
कल्पना कीजिए —
जो जानवर हजारों साल पहले पृथ्वी से विलुप्त हो चुका था, वो आज फिर से इंसानी तकनीक के कारण इस धरती पर जिंदा खड़ा है।
यह करिश्मा कर दिखाया है — Colossal Biosciences Lab ने, जो Texas, USA (अमेरिका) की बायोटेक्नोलॉजी कंपनी है।
डायर वुल्फ का पुनर्जन्म (Regeneration) कैसे हुआ?
वैज्ञानिकों ने डायर वूल्फ़ नामक एक प्राचीन भेड़िये की प्रजाति को फिर से जीवंत किया है, जो लगभग 10,000 साल पहले लुप्त हो गई थी. इस डायर वुल्फ प्रजाति के तीन पिल्ले तैयार किए गए हैं - रोमुलस, रेमस और खलीसी. खलीसी अभी ढाई महीने की है और उसे दुनिया की नजरों से दूर रखा गया है.डायर वुल्फ का पुनर्जनन (Regeneration) एक साइंस की दुनिया की ऐतिहासिक उपलब्धि है।
इस प्रक्रिया को कई एडवांस स्टेप्स में पूरा किया गया। सबसे पहले वैज्ञानिकों ने अमेरिका की पुरानी बर्फीली जगहों और Fossil Sites से डायर वुल्फ की हड्डियाँ, बाल और दाँत के सैंपल जुटाए। इसके बाद DNA Extraction की मदद से जीवित DNA अंश निकाला गया।
दूसरे स्टेप में Genome Mapping तकनीक का इस्तेमाल कर उस पुराने DNA को डिजिटल तरीके से पूरा Sequence और Decode किया गया। तीसरे स्टेप में Gene Editing Process की मदद से उस DNA में मौजूद टूटे या खराब हिस्सों को ठीक किया गया और Missing Parts को Fill किया गया।
इसके बाद Cloning Technique से उस DNA को एक तैयार Cell में Inject किया गया। चौथे स्टेप में उस Cell को एक Artificial Womb यानी कृत्रिम गर्भ में रखा गया, ताकि वह सुरक्षित तरीके से विकसित हो सके। इस Artificial Womb में डायर वुल्फ के बच्चे का विकास एकदम प्राकृतिक तरीके से किया गया, जहाँ उसके लिए अनुकूल Environment और Nutrients दिए गए।
करीब 18 महीनों की कड़ी रिसर्च, Observation और कई Testing के बाद आखिरकार Regenerated Dire Wolf का जन्म सफल हुआ। इस पूरे Regeneration Process ने ये साबित कर दिया कि विज्ञान अब विलुप्त हो चुके जानवरों को फिर से धरती पर वापस लाने में सक्षम है। वैज्ञानिकों का मानना है कि भविष्य में इसी तकनीक से और भी विलुप्त प्रजातियों को पुनर्जीवित किया जा सकता है।
(Harvard Geneticist और World’s Leading CRISPR Expert)
→ मुख्य टीम सदस्य :
Dr. Ben Lamm (Founder & CEO, Colossal Biosciences)
Dr. Eriona Hysolli (Head of Biological Sciences)
Dr. Andrew Pask (Geneticist - Specialist in Extinct Species DNA)
लैब और देश की जानकारी
लैब का नाम Colossal Biosciences Lab स्थान Dallas, Texas, USA तकनीक CRISPR Gene Editing
प्रमुख वैज्ञानिक Dr. George Church (USA)
अन्य वैज्ञानिक Dr. Ben Lamm, Dr. Eriona Hysolli, Dr. Andrew Pask
क्यों है यह दुनिया की सबसे बड़ी वैज्ञानिक सफलता ?
● विलुप्त प्रजाति को दोबारा जिंदा करने वाली पहली टेक्नोलॉजी
● Ancient DNA से Life Creation का करिश्मा
● मानव इतिहास का Genetic Revolution
भविष्य की योजना
Colossal Biosciences अब इन विलुप्त जीवों की वापसी पर काम कर रही है:
Woolly Mammoth
Tasmanian Tiger
Dodo
वैज्ञानिकों का कहना है —
"यह सिर्फ डायेर वुल्फ की वापसी नहीं है, यह पृथ्वी के Evolution में एक नया अध्याय है। लेकिन हमें बेहद सतर्क रहना होगा। प्रकृति के संतुलन से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।"— Dr. George Church
निष्कर्ष
डायेर वुल्फ की वापसी ने दिखा दिया कि विज्ञान की सीमाएं अब लगातार टूट रही हैं। CRISPR तकनीक ने साबित कर दिया है कि Impossible शब्द विज्ञान के लिए खत्म होता जा रहा है।
लेकिन सवाल अब भी बाकी है —
क्या इंसान इस ताकत के लिए तैयार है?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें