🧠🔬 AI से बदलेगा कैंसर का इलाज:
प्रो. एम.के. दत्ता ने Oncology Conundrums 3.0
में पेश किए नवाचार
फरीदाबाद, ब्यूरो | होटल ताज | 3 मई 2025
Oncology Conundrums 3.0 में विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र का एक अद्भुत संगम देखने को मिला, जब कंप्यूटर विज्ञान और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त वैज्ञानिक प्रोफेसर एम.के. दत्ता ने कैंसर अनुसंधान और इलाज में AI के अनुप्रयोगों पर अपनी दृष्टि साझा की।
🧠 “AI अब कैंसर उपचार की रीढ़ बनेगा” – प्रो. एम.के. दत्ता
प्रो. दत्ता का व्याख्यान “Applications of Artificial Intelligence in Cancer Research and Care” पर आधारित था, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे AI आधुनिक ऑन्कोलॉजी को नई दिशा दे रहा है। उन्होंने समझाया कि AI न केवल कैंसर की प्रारंभिक पहचान में तेज़ी लाता है, बल्कि व्यक्तिगत उपचार योजनाएं तैयार करने, रोग की प्रगति की निगरानी और सटीक निदान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
🔍 AI आधारित निदान: पारंपरिक तरीकों से तेज, बेहतर और अनुकूल
प्रो. दत्ता ने Machine Learning और Deep Learning मॉडल्स के माध्यम से कैंसर के टिशूज की ऑटोमैटिक पहचान, MRI और CT स्कैन एनालिसिस, और मरीज़ों के जीनोमिक डेटा का उपयोग कर उपचार को व्यक्तिगत बनाने की तकनीकों पर प्रकाश डाला।
🌐 वैश्विक विशेषज्ञों के बीच भारतीय प्रतिभा की चमक
इस कार्यक्रम में एम्स दिल्ली, राजीव गांधी कैंसर संस्थान, और अमेरिका से आए ऑन्कोलॉजी विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। लेकिन प्रो. दत्ता की प्रस्तुति ने टेक्नोलॉजी और मेडिसिन के संगम को जिस तरह पेश किया, वह दर्शकों के लिए बेहद प्रेरणादायक रहा।
🏅 सम्मान और सराहना: प्रो. दत्ता को मिला विशेष सम्मान
कार्यक्रम के अंत में आयोजकों द्वारा प्रो. एम.के. दत्ता को AI और कंप्यूटिंग के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए विशेष सम्मान से नवाज़ा गया। उनके विचारों और दृष्टिकोण को ऑन्कोलॉजी के विशेषज्ञों ने भविष्य की दिशा बताने वाला बताया।
🔗 भविष्य की राह: जब तकनीक और चिकित्सा साथ चलें
Oncology Conundrums 3.0 में यह साफ हो गया कि आने वाले वर्षों में कैंसर उपचार सिर्फ दवाओं और सर्जरी तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि डेटा, एल्गोरिद्म और AI-driven decision-making इसका अहम हिस्सा होंगे — और प्रो. एम.के. दत्ता जैसे वैज्ञानिक इस बदलाव की अगुवाई कर रहे हैं।
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