शख्सियत :
प्रेम नारायण यादव - एक प्रशासनिक अधिकारी से
परिचय : शासन से साहित्य तक का सफर
आज की शख्सियत में हम बात कर रहे हैं — प्रेम नारायण यादव जी की, जिन्होंने उत्तर प्रदेश शासन में विशेष सचिव एवं सचिव - अधीनस्थ सेवा चयन आयोग जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वर्ष 2011 में शासकीय सेवा से सेवानिवृत्त होने के बाद भी इनका सक्रिय जीवन साहित्य और समाज सेवा में निरंतर जारी है।सरकारी सेवा में श्री यादव की खास पहचान
यादव जी की पहचान उत्तर प्रदेश शासन में एक कर्मठ, ईमानदार और संवेदनशील अधिकारी के रूप में रही। सरकारी फाइलों में उनकी कलम की रफ़्तार और कार्य के प्रति तत्परता प्रसिद्ध रही।
सेवानिवृत्ति के बाद साहित्य साधना
सेवा निवृत्ति के उपरांत यादव जी ने अपनी कलम को धर्म, मानवता, समाजिक समरसता, प्रकृति प्रेम, देश प्रेम, और राजनीतिक परिदृश्य की घटनाओं को उकेरने का माध्यम बना लिया। अब तक वे 500 से अधिक गीत, ग़ज़ल और कविताएं लिख चुके हैं।
श्री यादव की चर्चित पुस्तक — खयालगंज लखनऊ
प्रकाशक : निखिल पब्लिशर्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स, आगरा
यादव जी की रचनाओं का संग्रह "खयालगंज लखनऊ" के नाम से प्रकाशित हो चुका है।
किताब के नाम की विशेषता
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खयाल = विचार
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गंज = खजाना
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नखलऊ = बाग-बगीचों का शहर लखनऊ
यह पुस्तक विचारों के खजाने और लखनऊ की गंगा-जमुनी तहजीब का खूबसूरत संगम है।
पहली रचना — "मेरे घनश्याम"
देश प्रेम, प्रकृति प्रेम, और तिरंगे को हिमालय से ऊँचा देखने की अद्भुत कल्पना इस कविता में झलकती है।
लखनऊ की खूबसूरती को शब्दों में पिरोती पंक्तियाँ
"अदब का शहर है, अमन का शहर है, ना तेरा ना मेरा यह सबका शहर है..."
यह पंक्तियाँ लखनऊ की गंगा-जमुनी तहजीब और संस्कृति की आत्मा को बहुत खूबसूरती से बयां करती हैं।
चर्चित रचनाएँ
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वर्षों से — "चाँद नहीं देखा मैंने वर्षों से..."
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मोक्ष नहीं चाहिए — सेवा को ही सबसे बड़ा धर्म मानते हुए बार-बार धरती पर आने की प्रार्थना।
फिदा ए लखनऊ
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गांव की शाम जुगनू
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रावण और लक्ष्मण रेखा
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पतंग
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हिंदुस्तान का दिल
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श्याम सुंदर
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इश्क क्यों हो गया
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मच्छर
एक ग़ज़ल जो दिल को छू जाती है
"हँसने मुस्कुराने की सौगात कोई दे जाए, दिल को छू ले वह बात कोई कर जाए..."
कुल 112 रचनाओं का संग्रह
"खयालगंज लखनऊ" में कुल 112 रचनाओं को बेहद सरल, भावनात्मक और प्रभावशाली भाषा में संजोया गया है।
प्रेम नारायण यादव जी की अगली गीत और गजल संग्रह की पुस्तक " इसलिए गीत गाता हूं मैं" शीघ्र ही प्रकाशित होने वाली है जिसमें भी अद्भुत गीत और गजल का संग्रह गीतकार द्वारा प्रस्तुत किया गया है।
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