BREAKING SCIENCE
वैज्ञानिकों ने खोज ली दूसरी धरती
मानव सभ्यता सदियों से इस प्रश्न का उत्तर खोजने की कोशिश कर रही है — "क्या पृथ्वी के अलावा ब्रह्मांड में जीवन कहीं और भी मौजूद है?" इस दिशा में खगोल विज्ञान और अंतरिक्ष शोध में आधुनिक तकनीक ने अद्भुत प्रगति की है। इसी क्रम में वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक रोमांचक खोज की है – एक नया 'सुपर-अर्थ' ग्रह, जो अपने तारे के जीवन योग्य (हैबिटेबल ज़ोन) में स्थित है। यह खोज खगोल विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर मानी जा रही है, क्योंकि इस ग्रह पर जीवन की संभावना जताई जा रही है।
सुपर-अर्थ क्या होता है?
वैज्ञानिक शब्दावली में 'सुपर-अर्थ' (Super-Earth) उन ग्रहों को कहा जाता है, जिनका आकार और द्रव्यमान पृथ्वी से अधिक होता है, लेकिन वे गैस जायंट ग्रहों जैसे बृहस्पति या शनि से छोटे होते हैं। सुपर-अर्थ ग्रहों की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि वे शिलीय (Rocky) सतह वाले होते हैं और उन पर वायुमंडल तथा जल के मौजूद रहने की संभावना होती है।यह ग्रह पृथ्वी से लगभग 137 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है और इसका आकार पृथ्वी से लगभग 1.4 गुना बड़ा है, इसलिए इसे 'सुपर-अर्थ' की श्रेणी में रखा गया है। यह अपने तारे के चारों ओर एक स्थिर और उपयुक्त दूरी पर परिक्रमा करता है, जिससे इसकी सतह पर तरल जल होने की संभावना बढ़ जाती है – जो कि जीवन के लिए एक आवश्यक तत्व है।
यह खोज नासा के ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट (TESS) और जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की मदद से की गई है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस ग्रह का वातावरण घना हो सकता है, जो तापमान को स्थिर बनाए रखने में मदद करता है। खगोलविदों के अनुसार, इस ग्रह की कक्षा और घूर्णन की गति भी पृथ्वी जैसी ही है, जिससे यह जीवन के अनुकूल प्रतीत होता है। हालांकि, अभी तक वहां जीवन के साक्ष्य नहीं मिले हैं, लेकिन यह खोज भविष्य में अंतरिक्ष अनुसंधान और जीवन की खोज के लिए एक नई दिशा खोल सकती है।
यह ग्रह अपने तारे के 'हैबिटेबल ज़ोन' (Habitable Zone) में स्थित है, जिसका अर्थ है कि इसकी सतह पर तरल जल के बने रहने की संभावना है। जीवन की उपस्थिति के लिए जल एक अनिवार्य तत्व है, इसीलिए वैज्ञानिक दृष्टि से यह खोज अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
खगोलविदों के अनुसार, इस ग्रह का आकार पृथ्वी से लगभग 1.4 गुना बड़ा है। इसके अतिरिक्त, यह अपने तारे के चारों ओर एक स्थिर कक्षा में स्थित है और इसकी घूर्णन गति भी पृथ्वी से मिलती-जुलती है। इस विशेषता के कारण इस ग्रह पर तापमान स्थिर रह सकता है, जो जीवन की अनुकूलता के लिए आवश्यक कारक है।
इस ग्रह के वातावरण (Atmosphere) के बारे में प्रारंभिक अनुमान यह है कि इसकी वायुमंडलीय संरचना घनी हो सकती है, जो सतह के तापमान को स्थिर रखने में सहायक होगी। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप द्वारा प्राप्त स्पेक्ट्रल डेटा (Spectral Data) के आधार पर वैज्ञानिक यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि इस ग्रह के वायुमंडल में जलवाष्प, कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन या अन्य जैविक गैसें मौजूद हैं या नहीं।
137 प्रकाश वर्ष दूर खोजा गया नया 'सुपर-अर्थ' ग्रह — क्या यह जीवन के लिए उपयुक्त हो सकता है?
हालाँकि अभी तक इस ग्रह पर जीवन के प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं मिले हैं, लेकिन इसकी स्थिति, संरचना, आकार और वायुमंडल की संभावनाएँ इसे अध्ययन के लिए अत्यंत उपयुक्त बनाती हैं। भविष्य में इस ग्रह की सतह संरचना, वातावरण की रासायनिक संरचना, तापमान वितरण तथा संभावित जैविक गतिविधियों की विस्तृत जाँच की जाएगी।
D
यह खोज ब्रह्मांड में जीवन की उपस्थिति की खोज की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम है। इससे भविष्य में एक्सोप्लैनेट (Exoplanet) रिसर्च, इंटरस्टेलर मिशन तथा ब्रह्मांडीय जीवन विज्ञान (Astrobiology) जैसे क्षेत्रों में नए शोध को गति मिलेगी। वैज्ञानिकों की टीम का मानना है कि आने वाले वर्षों में इस ग्रह के और गहरे रहस्यों को उजागर किया जा सकेगा, जिससे यह सिद्ध हो सकता है कि पृथ्वी जैसा जीवन किसी और ग्रह पर भी संभव है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें