सोमवार, 21 अप्रैल 2025

सेहत

 टॉफी नहीं है पैरासिटामोल !

जब मन हुआ तो लेकर खा लिया


  — बच्चों, नौजवानों और बुजुर्गों में दिखे खतरनाक  असर, नई रिसर्च ने बढ़ाई चिंता

लखनऊ, 21 अप्रैल 2025 —

भारत में बुखार और हल्के दर्द के लिए सबसे आम दवा मानी जाने वाली पैरासिटामोल को लोग अक्सर टॉफी की तरह खा लेते हैं — बिना डॉक्टर की सलाह के, बार-बार। लेकिन अब हालिया रिसर्च ने चेतावनी दी है कि यह दवा बच्चों, नौजवानों और बुजुर्गों — तीनों वर्गों में गंभीर दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है।

बुजुर्गों में खतरा:हाल ही में University of Nottingham (UK) के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया कि 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में नियमित पैरासिटामोल सेवन से पेट में अल्सर और खून बहने का खतरा 24% बढ़ गया, किडनी रोग का खतरा 19% और दिल की बीमारियों का खतरा 9% तक बढ़ गया।

नौजवानों पर असर:लिवर डैमेज का खतरा सबसे बड़ा है।कॉलेज स्टूडेंट्स और युवा कामकाजी वर्ग अक्सर हैंगओवर या सिरदर्द के लिए पैरासिटामोल लेते हैं।अधिक मात्रा या लगातार सेवन से लिवर फेलियर तक हो सकता है।

मानसिक स्वास्थ्य पर असर:कुछ रिसर्च बताती हैं कि पैरासिटामोल न केवल दर्द को कम करता है, बल्कि भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को भी दबाता है।इससे व्यक्ति की निर्णय क्षमता, सहानुभूति और प्रतिक्रिया देने की शक्ति पर असर पड़ सकता है।

स्पोर्ट्स और फिटनेस में उपयोग:कुछ युवा खिलाड़ी थकान या मांसपेशियों के दर्द में इसे दवा के रूप में लेते हैं, जो लिवर पर अतिरिक्त दबाव डालता है।

बच्चों में दुष्प्रभाव:खुराक की गलती है सबसे बड़ा खतरा।बच्चों को अक्सर माता-पिता अपनी समझ से सिरप या टैबलेट दे देते हैं। इससे ओवरडोज का खतरा रहता है।

लिवर और किडनी पर असर:बच्चों में शरीर की क्षमता सीमित होती है, इसलिए सामान्य से थोड़ी सी भी अधिक खुराक खतरनाक हो सकती है।

एलर्जी या रिएक्शन:कुछ बच्चों में पैरासिटामोल से स्किन रैश, उल्टी, या सांस की तकलीफ जैसे लक्षण भी देखे गए हैं।

विशेषज्ञों की चेतावनी:

यह दवा "सेफ" है लेकिन तभी जब डॉक्टर की सलाह से ली जाए।किसी भी आयु वर्ग के लिए बार-बार, खुद से पैरासिटामोल लेना खतरनाक हो सकता है।खासकर बच्चों में तो इसका सही डोज और टाइमिंग बेहद जरूरी है।पैरासिटामोल (Paracetamol) एक बहुत आम और प्रचलित दर्द निवारक (painkiller) और बुखार कम करने वाली (antipyretic) दवा है। आइए समझते हैं कि यह शरीर में कैसे काम करती है और क्या यह सुरक्षित है:

पैरासिटामोल कैसे काम करती है?

1. दर्द को कम करना (Pain Relief):

पैरासिटामोल मस्तिष्क (brain) में पाए जाने वाले "प्रोस्टाग्लैंडिन" नामक रसायनों के उत्पादन को कम करता है। ये रसायन शरीर में दर्द और सूजन के लिए ज़िम्मेदार होते हैं। जब इनका स्तर घटता है, तो दर्द में राहत मिलती है।

2. बुखार को कम करना (Fever Reduction):

यह मस्तिष्क के तापमान नियंत्रण केंद्र (hypothalamus) पर काम करता है, जिससे शरीर का तापमान सामान्य स्तर पर आ जाता है।

क्या पैरासिटामोल सुरक्षित है?

हां, जब इसे सही मात्रा में और डॉक्टर की सलाह से लिया जाए, तो पैरासिटामोल सामान्यतः सुरक्षित मानी जाती है। लेकिन:अधिक मात्रा (Overdose) बहुत खतरनाक हो सकती है और इससे लीवर को नुकसान हो सकता है।

सामान्य वयस्कों के लिए अधिकतम खुराक 4 ग्राम (4000 mg) प्रति दिन मानी जाती है।शराब के साथ या पहले से लिवर की समस्या होने पर सावधानी जरूरी है।

लिए अब पैरासिटामोल (Paracetamol या Acetaminophen) की शरीर में होने वाली पूरी रासायनिक प्रक्रिया (Pharmacokinetics और Pharmacodynamics) को विस्तार से समझते हैं:

1. अवशोषण (Absorption):

जब आप पैरासिटामोल को टैबलेट, सिरप या किसी अन्य रूप में लेते हैं, तो यह पेट (stomach) और छोटी आंत (small intestine) से तेज़ी से अवशोषित हो जाता है।आमतौर पर यह 30 मिनट से 1 घंटे में खून में पहुँच जाता है और 1 से 2 घंटे में इसका प्रभाव शुरू हो जाता है।

2. वितरण (Distribution):

अवशोषण के बाद यह खून के ज़रिए पूरे शरीर में फैलता है।यह मस्तिष्क (brain) तक पहुँचता है, जहाँ यह दर्द और बुखार को नियंत्रित करता है।

 3. क्रिया विधि (Mechanism of Action - Pharmacodynamics):

i. प्रोस्टाग्लैंडिन सिंथेसिस को रोकना:

पैरासिटामोल COX enzymes (Cyclooxygenase-1 और COX-2) को केंद्रिय तंत्रिका तंत्र (Central Nervous System - CNS) में रोकता है। इससे Prostaglandins नामक रसायनों का निर्माण रुकता है, जो दर्द और बुखार के लिए ज़िम्मेदार होते हैं।

ii. हाइपोथैलेमस पर प्रभाव:

पैरासिटामोल मस्तिष्क के Hypothalamus पर काम करता है जो शरीर का "थर्मोस्टेट" होता है।यह शरीर को अधिक गर्मी बाहर निकालने के लिए प्रेरित करता है (जैसे पसीना लाकर), जिससे बुखार कम हो जाता है।

 पैरासिटामोल शरीर में सूजन (Inflammation) को कम करने में NSAIDs (जैसे Ibuprofen) जितना असरदार नहीं होता, क्योंकि यह मुख्यतः CNS में काम करता है, Peripheral tissues में नहीं।

4. चयापचय (Metabolism):

पैरासिटामोल का चयापचय (metabolism) मुख्यतः यकृत (Liver) में होता है।

यह दो मुख्य मार्गों से metabolize होता है:

1. Glucuronidation (लगभग 60%)

2. Sulfation (लगभग 35%)

एक बहुत छोटा भाग (5-10%) CYP450 enzyme (विशेषतः CYP2E1) द्वारा NAPQI (N-acetyl-p-benzoquinone imine) नामक toxic metabolite में परिवर्तित होता है।> NAPQI बहुत ज़हरीला होता है, लेकिन सामान्य मात्रा में यह glutathione द्वारा detoxify होकर निष्क्रिय हो जाता है।

5. निष्कासन (Excretion):

पैरासिटामोल और इसके मेटाबोलाइट्स का उत्सर्जन मुख्यतः मूत्र (Urine) के द्वारा होता है।इसकी Half-life (आधा जीवनकाल) लगभग 2 से 3 घंटे होती है (सामान्य खुराक में)।

ओवरडोज़ में क्या होता है?

अगर पैरासिटामोल की खुराक ज़्यादा हो जाती है (जैसे 7.5–10 ग्राम या उससे अधिक), तो शरीर में NAPQI का स्तर बढ़ जाता है।शरीर में Glutathione की कमी होने लगती है, जिससे NAPQI लीवर की कोशिकाओं को नष्ट करने लगता है, और लीवर फेलियर हो सकता है।





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